Tuesday, June 2, 2020

अटल बिहारी बाजपेयी I Biography of Atal Bihari Vajpeyi

अटल बिहारी बाजपेयी                                                                Atal Bihari Vajpeyi,अटल बिहारी बाजपेयी

अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924ई को मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर की शिंदे की छावनी में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी बाजपेयी  व माता का नाम कृष्णा बाजपेयी था।अटल बिहारी बाजपेयी अपने माता पिता की सातवीं संतान थे,इनके तीन बड़े भाई और तीन बड़ी बहनें थी। अटल बिहारी बाजपेई ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से बी•ए और कानपुर से एलएलबी की पढ़ाई की थी।

प्रधानमंत्री बनने का सफर

अटल बिहारी बाजपेयी ने 1952ई में लोकसभा का चुनाव लड़ा परंतु वे सफल नहीं हो सके फिर इसके बाद में उन्होंने बलरामपुर गोंडा जिले से विजयी होकर लोकसभा पहुंचे।जनता पार्टी से मतभेद हो जाने के कारण वे जनता पार्टी से असंतुष्ट हो चुके थे और इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। उनको भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का भार सौंपा गया और वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित भी किए गए। 21 मई 1996ई को अटल बिहारी बाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली परंतु 30 मई 1996ई तक बहुमत सिद्ध ना होने के कारण 13 दिन तक ही प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत रह सके,इसके बाद बाजपेयी जी ने 13 अक्टूबर 1999ई में बहुमत से दो जाने के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और अपना कार्यकाल पूरा किया।

प्रसिद्ध कवि के रूप में

अटल बिहारी बाजपेयी कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ प्रसिद्ध कवि भी थे,बाजपेयी जी ने बहुत ही कविताओं  और पुस्तकों को लिखा।
बाजपेयी जी का प्रसिद्ध काव्य संग्रह मेरी इक्यावन कविताएं हैं। बाजपेई जी द्वारा लिखित प्रमुख कविताएं- रग 'रग हिंदू मेरा परिचय','हिंदू तन मन हिंदू जीवन' हैं।
बाजपेई द्वारा लिखित प्रमुख पुस्तकें मृत्यु या हत्या,मेरी इक्यावन कविताएं,मेरी संसदीय यात्रा,संकल्प काल,गठबंधन की राजनीति,जनसंघ और मुसलमान हैं। इसके अतिरिक्त अमर आग, सेक्युलरवाद,बिंदु बिंदु विचार,कुछ लेख:कुछ भाषण प्रमुख हैं। बाजपेई जी बहुत ही अच्छे कवि भी थे उनकी कविताओं में सजीवता झलकती है व एक अलग ही तरह की प्रेरणा भी मिलती है।

बाजपेयी जी के प्रमुख कार्य

बाजपेयी जी ने सभी राजमार्गों को आपस में जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का प्रारंभ किया इसके अंतर्गत चेन्नई मुंबई दिल्ली और कोलकाता के राजमार्गों को आपस में जोड़ा गया।

बाजपेयी जी ने संचार क्रांति को बढ़ावा दिया उन्होंने संचार को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए बहुत से प्रयास किए, उनका यह कदम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक पहल थी।

बाजपेई जी ने सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की जिसके अंतर्गत 6 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को मुक्त शिक्षा जलाने के लिए पहल थी।

बाजपेयी जी ने आर्थिक सलाह समिति व राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का गठन किया और इसके साथ साथ व्यापार व उद्योग समिति का गठन भी किया।

वाजपेई जी ने 100 वर्ष पुराने चल रहे कावेरी जल विवाद को सुलझाया।

निधन

16 अगस्त 2018ई में शारीरिक स्वास्थ्य सही ना होने के कारण वाजपेई जी का निधन हो गया।

बाजपेई जी को पद्म विभूषण,डिलीट,लोकमान्य तिलक,भारतरत्न आदि बहुत से पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका था।

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