ऊधम सिंह
ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899ई को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम नामक गांव में हुआ था। बचपन में ऊधम सिंह का नाम शेर सिंह था। कम उम्र में ही उनके माता पिता का देहावसान हो गया जिस कारण उन्हें अमृतसर के अनाथालय में रहना पड़ा और यहीं उनका नाम उधमसिंह पड़ा। 1919ई में जलियांवाला बाग हत्याकांड से ये बहुत ही आहत हुये और इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का फैसला किया।
जनरल डायर की हत्या
अनाथ होने के बावजूद भी ऊधमसिंह कभी भी विचलित नहीं हुए और जलियांवाला बाग हत्याकांड के आरोपी जनरल डायर को मारने की प्रतिज्ञा की।1924ई में उधम सिंह गदर पार्टी से जुड़ गए और उसके बाद ऊधम सिंह ने लंदन पहुंचकर जनरल डायर को मारने के लिए एक रिवाल्वर खरीदी और एक कार का इंतजाम किया। इसके बाद 13 मार्च 1940ई को लंदन के कॉन्सर्टन हॉल में बैठक का आयोजन हुआ वहां पर जनरल डायर बोलने वाला था, यह बात ऊधम सिंह को पता चली और ऊधम सिंह एक मोटी किताब में रिवाल्वर को छुपाकर वहां पर पहुंच गये। बैठक के बाद ऊधम सिंह ने जनरल डायर के ऊपर अपनी रिवाल्वर से गोलियां चला दी जिससे जनरल डायर की मौके पर ही मौत हो गई।इसके बाद ऊधम सिंह वहां पर गिरफ्तार हो गए और उन पर मुकदमा चलाया गया।
फांसी की सजा
जनरल डायर को मारने के आरोप में 31 जुलाई 1940ई को उधम सिंह को फांसी दे दी गयी।
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