डॉ राजेंद्र प्रसाद
डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884ई में बिहार राज्य के छोटे से गांव जीरादेयू में हुआ था।उनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था।उनके पिता संस्कृत व फारसी के प्रकांड विद्वान थे। प्रारंभिक शिक्षा के लिए राजेंद्र प्रसाद का दाखिला जीरदेयू के जिला स्कूल में करवा दिया गया। उनके गांव के सभी लोग व उनके परिवार के लोग पुरानी परंपराओं को बहुत मानता देते थे इसीलिए राजेंद्र प्रसाद का विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही बाल विवाह के अंतर्गत करवा दिया गया।उनकी पत्नी का नाम राजवंशी देवी था। इसके बाद राजेंद्र प्रसाद ने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया,राजेंद्र प्रसाद उच्च प्रतिभा के धनी थे,उनकी प्रतिभा ने गोपाल कृष्ण गोखले जैसे विद्वानों को अपनी तरफ आकर्षित किया।राजेंद्र प्रसाद को अपनी माता और बड़े भाई से बेहद लगाव था।
राष्ट्रपति बनने तक का राजनीतिक सफर
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक वकील के रूप में उनका पदार्पण हो गया।वे स्वभाव से बहुत ही सौम्य और गंभीर व्यक्ति थे।1934ई में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गए व बाद में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष पद ग्रहण किया। भारतीय संविधान सभा के गठन के बाद वे इसके अध्यक्ष भी रहे और भारतीय संविधान के लागू हो जाने के बाद उन्होंने देश के प्रथम राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया।भारत के राष्ट्रपति के पद पर वे 26 जनवरी 1950ई से 14 मई 1962ई तक रहे इसके बाद उनको भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया।
राजेंद्र प्रसाद बहुत ही सरल व सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे।उनके मुख पर सदैव मुस्कान बनी रहती थी,उनकी छवि और स्वभाव हर जगह अपना प्रभाव छोड़ देती थी।उनकी वेशभूषा बहुत ही सरल थी जिससे वे देखने में एक साधारण किसान जैसे लगते थे।
निधन
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का निधन 28 फरवरी 1963ई में हो गया।जीवन के आखिरी दिन उन्होंने पटना के पास सदाकत आश्रम में बिताएं।
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