Tuesday, June 2, 2020

महामना मदन मोहन मालवीय I Biography of Madan Mohan Malviya

महामना मदन मोहन मालवीय                                                                

महामना मदन मोहन मालवीय,मदन मोहन मालवीय, Madan Mohan Malviy

महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861ई में प्रयाग में हुआ था।इनके पिता का नाम बृजनाथ व माता का नाम मीना देवी था।ये अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे,इनके चार बड़े भाई-बहन व दो छोटे भाई-बहन थे।उनके पिता पंडित ब्रजनाथ संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान थे।उनकी शिक्षा धार्मिक विद्यालय में हुई जिसके कारण उन पर भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा।

महामना मदन मोहन मालवीय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1886ई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में भाग लेने के साथ की,इस अधिवेशन में इनके दिये गये भाषण की सराहना की गई और इन्हें हिंदुस्तान पत्रिका के संपादन की जिम्मेदारी सौंपी गई।उन्होंने ढाई वर्ष तक हिंदुस्तान पत्रिका के संपादक का पद संभाला। मदन मोहन मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन 1909,1918, 1930,1932ई के अध्यक्ष चुने गये।मदन मोहन मालवीय को तीन बार हिंदू महासभा का अध्यक्ष चुना गया।उन्होंने 1915ई  में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का विधेयक पास किया और 4 फरवरी 1916ई को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। यह हिंदी भाषा और हिंदुत्व के प्रबल समर्थक थे।

मदन मोहन मालवीय ने लीडर ऑफ हिंदुस्तान टाइम्स समाचार पत्र का प्रकाशन किया और उन्होंने इसके हिंदी संस्करण भारत का आरंभ 1921ई में किया। इसके बाद मदन मोहन मालवीय ने मर्यादा पत्रिका का प्रकाशन किया और अभ्युदय नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया। मदन मोहन मालवीय ने हिंदी भाषा के विकास व उत्थान के लिए बहुत ही अथक प्रयास किये। मालवीय जी ने अपनी पत्रिकाओं को हिंदी में प्रकाशित करके हिंदी भाषा को बढ़ावा दिया और उन्होंने हिंदी भाषा को उत्तर प्रदेश के दफ्तरों पदार्थों में स्वीकृत कराया।

मदन मोहन मालवीय ने महात्मा गांधी को देश के विभाजन की कीमत पर स्वतंत्रता स्वीकार ना करने की सलाह दी। 1931ई में उन्होंने प्रथम गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महात्मा गांधी ने मदन मोहन मालवीय को अपना बड़ा भाई कहा और साथ ही भारत निर्माता की संज्ञा दी।

12 नवंबर 1946ई को पंडित मदन मोहन मालवीय का  स्वर्गवास हो गया।

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