मोरारजी देसाई
मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी 1896ई को गुजरात में बुलसर जिले के भदेली नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम रणछोड़जी देसाई था।इनके पिता रणछोड़जी देसाई बहुत ही निराश रहती थी और इस कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।मोरारजी की प्रारंभिक शिक्षा बुलसर के ही विद्यालय से हुई और बाद में इन्होने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की।इसके बाद उन्होंने मुंबई के एल फिस्टम कॉलेज से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की।स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे गोधरा में डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्यरत हो गए।
मुख्यमंत्री बनने तक का राजनीतिक सफर
मोरारजी ब्रिटिश न्याय व्यवस्था पर विश्वास नहीं करते थे। स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत और दंगों के कारण उन्होंने अपनी डिप्टी कलेक्टर की सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।1931ई में वे भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बन गए।इसके बाद 1987ई तक वे गुजरात कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे।मोरारजी देसाई अपनी बात को सर्वोच्च मानकर उस पर अडिग रहते थे इसलिए उन्हें सर्वोच्च नेता कहा जाता था।1952ई में वे मुंबई के मुख्यमंत्री बने।मोरारजी देसाई ने किसानों के जीवन को सुधारने के लिए बहुत से नियम व कानून बनाये। इसके लिए बहुत ही अथक प्रयास किए।इसके बाद 22 मार्च 1958ई में उन्होंने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और राजस्व को बढ़ावा दिया और प्रशासन पर होने वाले खर्चे को भी कम किया।इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रशासनिक सुधार आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। मोरारजी देसाई ने 23 मार्च 1977ई को 81 वर्ष की उम्र में भारत के प्रधानमंत्री पद का दायित्व ग्रहण किया।ये भारत के छठे प्रधानमंत्री थे।मोरारजी देसाई को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशाने-ए- पाकिस्तान से सम्मानित किया गया।
निधन
मोरारजी देसाई का निधन 10 अप्रैल 1995ई में 99वर्ष की उम्र में मुंबई में हो गया।
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