Tuesday, May 19, 2020

नेताजी सुभाष चंद्रबोस I Biography of Netaji Subhash Chandra Bose

नेताजी सुभाष चंद्रबोस का जीवन परिचय

                                          
                                                                                               नेताजी सुभाष चंद्रबोस,subhash chandra bose                                                                                                                                                                         
 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा राज्य के कटक नामक स्थान पर एक बंगाली परिवार में हुआ था।उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था।उनके पिता कटक के एक मशहूर वकील थे। सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक के स्कूल में पूर्ण की और उसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। अंग्रेजी शासन में उस समय सिविल सर्विस परीक्षा पास करना बहुत ही कठिन था,उस समय सुभाष चंद्र बोस ने सिविल सर्विस परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था। 
                                                
  नेताजी सुभाष चंद्रबोस,subhash chandra bose,mahatma gandhi
 अंग्रेजों की हुकूमत व बढ़ती हुई राजनीति के कारण उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा का पदभार त्याग दिया और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों से लड़ने के लिए नेताजी ने जापान से सहयोग लेकर आजाद हिंद फौज का गठन किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर के टाउन हाल मे सेना के सामने दिल्ली चलो का नारा दिया। सुभाष चंद्र बोस गांधीजी के अहिंसा के विचारों से सहमत नहीं थे लेकिन उनका उद्देश्य एक ही था स्वतंत्रता प्राप्ति इसीलिए सर्वप्रथम नेता जी ने गांधी जी को बापू कहकर संबोधित किया था।
नेताजी की आजाद हिंद फौज ने 1944 में अंग्रेजों पर आक्रमण किया हुआ व कुछ भारतीय जनपदों को अंग्रेजों से मुक्त कराया।14 जुलाई 1944 में आजाद हिंद फौज के साथ नेताजी बर्मा पहुंचे और वहां पर इन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा दिया।
                                             
नेताजी सुभाष चंद्रबोस,subhash chandra bose, आजाद हिंद फौज
नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी एकमत नहीं है माना जाता है इनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 ईस्वी में टोक्यो जाते समय हवाई दुर्घटना में हो गई थी लेकिन उनका शव नहीं मिला वहीं दूसरी तरफ उनके परिवार जनों का मानना है कि उनकी मृत्यु हवाई दुर्घटना के दौरान नहीं हुई थी।

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