Saturday, May 23, 2020

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय | Biography of lal Bahadur shastri

लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री,lal bahadur shastri

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904ई  को उत्तर प्रदेश राज्य में वाराणसी,मुगलसराय नामक स्थान पर हुआ था।इनके पिता का नाम शारदा प्रसाद व माता का नाम रामदुलारी देवी था। उनके पिता प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन का कार्य करते थे, लोगों ने 'मुंशीजी' कहकर संबोधित करते थे,इसके बाद उन्होंने राजस्व विभाग में क्लर्क की नौकरी कर ली। लाल बहादुर शास्त्री को परिवार वाले प्यार से 'नन्हे' कहकर बुलाते थे। 18 महीने की उम्र में उनके पिता का देहावसान हो गया और उनकी मां अपने पिता के घर मिर्जापुर चली गयी और वही लाल बहादुर शास्त्री का पालन पोषण हुआ कुछ समय बाद उनके नानाजी का भी निधन हो गया और उनकी परवरिश में उनके मौसा रघुनाथ प्रसाद ने उनकी मां का  बहुत सहयोग किया। ननिहाल में ही उन्होंने प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की और इसके बाद काशी विद्यापीठ में शिक्षा ग्रहण करने के लिए चले गए काशी विद्यापीठ में शिक्षा ग्रहण करने के बाद इन्हें 'शास्त्री' की उपाधि मिली। उनका विवाह 16 मई 1928ई  को ललिता देवी से कर दिया गया।

राजनीति में कदम

लाल बहादुर शास्त्री ने भारत सेवक संघ से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की यह गांधीवादी विचारधारा के थे और अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में व सादगी में बिताया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सभी आंदोलनों का कार्यक्रमों में उनकी अहम भूमिका व भागीदारी रही और उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। शास्त्री जी पुरुषोत्तम दास टंडन,पंडित गोविंद बल्लभ और जवाहरलाल नेहरू से राजनीतिक सलाह प्रेरणा लेते थे। इलाहाबाद में नेहरू जी के साथ उनकी निकटता बड़ी व संबंध अच्छे हुए और नेहरू जी के सहयोग से वे मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बन गए।

उनकी साफ-सुथरी छवि,गरीबों की सेवा,सादा जीवन व  तीव्र बुद्धि के कारण उन्हें 1964ई में देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। लाल बहादुर शास्त्री का शासन संघर्षों से भरा रहा।दुश्मन देश पर हमला करने की फिराक में रहते थे और अचानक पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमला कर दिया शास्त्री जी ने इस युद्ध में राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व दिया और 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया इससे जनता का मनोबल बढ़ा।
आक्रमण का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने लाहौर पर हमला बोल दिया इसके कारण अमेरिका ने लाहौर में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए कुछ समय के लिए युद्धविराम की मांग की और अमेरिका और रूस ने मिलकर समझौता करने के लिए शास्त्री जी को रूस बुलाने की मांग की।

शास्त्री जी की रहस्यमय मृत्यु

अमेरिका और रूस ने समझौता करने के लिए मिलीभगत से शास्त्री जी को रूस बुलाने का प्रस्ताव रखा, ज्यादा ही कहने व दबाब डालने पर शास्त्री जी समझौते के उनके प्रस्ताव को सुनने के लिए रूस गए। लाल बहादुर शास्त्री समझौते की सभी शर्तों को मंजूर करने के लिए तैयार थे मगर पाकिस्तान से जीते हुए भाग को लौटाने के लिए हर गिफ्ट तैयार नहीं थे,दबाव में शास्त्री जी ने समझौते पर हस्ताक्षर तो कर दिए परंतु उन्होंने कहा कि जब तक मैं प्रधानमंत्री कार्यकाल में रहूंगा तब तक जमीन को वापस नहीं करूंगा। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की उसी रात 11 जनवरी 1966 को रहस्यमयी मृत्यु हो गयी और इसे बाद में हार्टअटैक का नाम दिया गया और ना ही उनका पोस्टमार्टम किया गया,और ना ही के सरकार के पास इसकी कोई रिपोर्ट है और ना ही रिकॉर्ड है। शास्त्री जी के परिवार वालों और अन्य लोगों का यह मानना है कि शास्त्री जी की मृत्यु हार्टअटैक से नहीं बल्कि जहर देने से हुई थी।

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